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ईर्ष्या को कैसे जीते ईर्ष्या को कैसे जीते ज़हर जिस बरतन में रखी जाती है धीरे धीरे उसी को खा जाती है । ईर्ष्या भी ज़हर है । ईर्ष्या के संकल्पों से दिमाग के स्नायु...
मनचाही प्रप्ति और कुदरती नियम मनचाही प्रप्ति और कुदरती नियम हम जो संकल्प करते हैं, वह तुरंत तरल रूप भी धारण करते रहते है । यह जो हमारे मुख में थूक बनती रहती है, यही...