कुंडली में तलाक का योग
सब लॉर्ड के सब लॉर्ड की भूमिका:- कुंडली में तलाक का योग एडवांस कृष्णमूर्ति पद्धति के अनुसार किसी भी भाव का रिजल्ट उस भाव के सब लॉर्ड के द्वारा देखा जाता है फाइनल रिजल्ट के लिए सब लॉर्ड के सब लॉर्ड को भी देखा जाता है!
उदाहरण के लिए यदि सातवें भाव का सब लॉर्ड शनि है!
शनि – 2,11 – prime signification
बुध – 7,8 – Prime
9 – general
4,12 – Negative link.
शुक्र (UNTENANTED)
5,6,8, – prime signification
10- general signification
यहां शुक्र वैवाहिक जीवन के लिए पूरी तरह से निगेटिव है, और शुक्र का नक्षत्र स्वामी एवं उप नक्षत्र स्वामी शुक्र ही बना हुआ है! और यदि जीवन साथी की कुंडली भी इसी प्रकार की हुई तो फिर शनि/ राहु/ केतु की दशा में अलगाव की प्रबल संभावना बनेगी कुण्डली के सप्तम भाव तथा बारहवें भाव पर विचार करें। लग्न लग्नेश लग्नेश-लगनस्थ पर अवश्य विचार करें। वर्तमान समय में जब स्त्री-पुरुष कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हों वहाँ अब तलाक शब्द ज्यादा सुनाई देने लगा है. आइये जानते हैं की वे कौन से ज्योतिषीय कारण हैं जिन से तलाक हो जाता है.
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