ईर्ष्या को कैसे जीते

ईर्ष्या को कैसे जीते ज़हर जिस बरतन में रखी जाती है धीरे धीरे उसी को खा  जाती है ।

ईर्ष्या भी  ज़हर  है । ईर्ष्या  के संकल्पों से दिमाग के स्नायु सिकुड़ते हैं  । जिस से दिमाग की अमूल्य एनर्जी जल जाती है ।

इस का प्रभाव हमारी दिनचर्या पर पड़ता है । हम चिड्चिडे हो जाते है और घर के लोगो के साथ हमारा व्यवहार गलत ढंग का हो जाता है । तब घर  का वातावरण कलहपूर्ण हो जाता है । हमारा स्वभाव झगड़ालू हो जाता है । झगड़ालू लोग किसी को अच्छे  नहीं लगते ।

बिना किसी हथियार के किसी को ख़त्म करना हो  तो उसे ईर्ष्या, जलन  और कुढ़ना  सिखा दो वह इस प्रकार ख़त्म होगा जैसे स्लो पायजन लेने वाला धीरे धीरे रोज़ मरता  है ।

सब एक दूसरे से जलते हैं ना जाने क्यों ।  फिर भी प्रदर्शित करते हैं  कि  हमें किसी से ईर्ष्या नहीं है ।

ईर्ष्या मन की भावनात्मक दुर्बलता है जो सन्ताप और तनाव की उत्पति करती है ।

यह प्रवृति उन लोगो में ज्यादा होती है जो आत्मबल से हीन हैं और बिना  कर्म किये ही सब कुछ  पा लेने की  अभिलाषा होती है ।

संसार में ईर्ष्या को ला इलाज माना जाता है ।

तन, मन, धन वा सम्बन्ध में कोई भी  दुख है तो इस का कारण है हमारे में ज्ञान की कमी है ।

ज़रा सा भी ईर्ष्या की भावना है तो इसका सीधा  सा अर्थ है आप में ज्ञान की कमी है चाहे आप कितने ही बुद्विमान  हैं, नामी ग्रामी हैं या विश्व आप को पूजता है ।

-इस विकार के लिये स्वयं को दोषी नहीं मानो । ईर्ष्या को कैसे जीते आप को कोई दूसरा ईर्ष्या के संकल्प भेज रहा  है इस लिये यह आप को आ रहा है ।

-कईयों से हम अच्छे हैं और कई हमारे से अच्छे  हैं ।

  • तन,मन, धन, सम्बन्ध, पदवी और शोहरत जिन लोगो से हमारे पास अच्छी  है  और वह लोग हमारे आस पास हैं,  उनके मन में हमारे प्रति कसक  उठती है और हमारे से ईर्ष्या करने लगते हैं  ईर्ष्या को कैसे जीते जिस से हमें भी  उनके प्रति यही संकल्प उठने लगते   है ।

-ऐसे ही जो लोग हमारे से अच्छे   हैं हम उनसे ईर्ष्या करते है, ईर्ष्या को कैसे जीते हमारे ये संकल्प उन्हे पहुँचते हैं  और उनके मन में हमारे प्रति ईर्ष्या आने लगती है ।

-यही कारण है हरेक व्यक्ति इस बुरे चक्र में फंसा हुआ है ।

  • इसका सब से सहज इलाज है, जो आप की  स्नेही आत्माये हैं भगवान को याद करते हुये उन्हे मन ही मन स्नेह की तरंगे हर समय देते रहो । इस से वे आप को स्नेह देते रहेंगे । आप में कमजोरी नहीं आयेगी । आप की इस शक्ति से ईर्ष्या करने वालो के विचार  बदल जायेंगे । तुम्हारे  ये विचार  किले का काम करेगें ।

 

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