किस चीज की कमी के कारण कौन सा रोग होता है

1. सोकर उठते समय हमेशा दायीं करवट से उठें या जिधर का स्वर चल रहा हो उधर करवट लेकर उठें ।

2. पेट के बल सोने से हर्निया, प्रोस्टेट, एपेंडिक्स की समस्या आती है ।

3. भोजन के लिए पूर्व दिशा , पढाई के लिए उत्तर दिशा बेहतर है ।

4. HDL बढ़ने से मोटापा कम होगा LDL व VLDL कम होगा ।

5. गैस की समस्या होने पर भोजन में अजवाइन मिलाना शुरू कर दें ।

6. चीनी के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , यह शरीर में जाने के बाद बाहर नहीं निकलता है। चीनी खाने से पित्त बढ़ता है ।

7. शुक्रोज हजम नहीं होता है फ्रेक्टोज हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।

8. वात के असर में नींद कम आती है ।

9. कफ के प्रभाव में व्यक्ति प्रेम अधिक करता है ।

10. कफ के असर में पढाई कम होती है ।

11. पित्त के असर में पढाई अधिक होती है ।

12. योग-प्राणायाम– कफ प्रवृति वालों को नहीं करना चाहिए , अष्टांग हृदयम वात प्रवृति वालों को थोडा, पित्त प्रवृति वालों को ज्यादा करना चाहिए ।

13. आँखों के रोग – कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , अष्टांग हृदयम आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।

14. शाम को वात-नाशक चीजें खानी चाहिए ।

15. पित्त प्रवृति वालों को प्रातः 4 बजे जाग जाना चाहिए ।

16. सोते समय रक्त दवाव सामान्य या सामान्य से कम होता है ।

17. व्यायाम – वात रोगियों के लिए मालिश के बाद व्यायाम , अष्टांग हृदयम पित्त वालों को व्यायाम के बाद मालिश करनी चाहिए । कफ के लोगों को स्नान के बाद मालिश करनी चाहिए ।

18. भारत की जलवायु वात प्रकृति की है दौड़ की बजाय सूर्य नमस्कार करना चाहिए ।जो माताएं घरेलू कार्य करती हैं उनके लिए व्यायाम जरुरी नहीं ।

19. निद्रा से पित्त शांत होता है , मालिश से वायु शांति होती है , अष्टांग हृदयम उल्टी से कफ शांत होता है तथा उपवास ( लंघन ) से बुखार शांत होता है ।।

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