दिवाली के अगले दिन ही होगा सूर्य ग्रहण
25 अक्टुबर 2022 को चित्रा/ स्वाती नक्षत्र में सायं 4:40 से सायं 5:24 तक सूर्य ग्रहण:-
दिवाली के अगले सूर्य ग्रहण दिन ही प्रातः 4:40 से ही सूर्य ग्रहण का सूतक आरंभ हो जा रहा है। अतः इस वर्ष के दीपावली पूजन में, पूजन के बाद 10 मिनट रुक के विसर्जन कर दिया जाएगा। खास कर जो लोग लक्ष्मी पूजन के विशेष मुहूर्त सिंह लग्न में पूजा करते आ रहे हैं उनको रात्रि 1 बजे से रात्रि 3:30 तक पूजन संपन्न कर लेना होगा और रात्रि 3:40 से 4:20 तक विसर्जन कर 4:30 तक भोजन कर लेना उचित रहेगा। अथवा पूजन के बाद पूजन स्थल में कुशा डाल कर किसी वस्त्र से ढक दें और सायं 6 बजे के बाद रात्रि 10 बजे तक विसर्जन किया जा सकता है। या फिर अपने सुविधानुसार अगले दिन 26 अक्टुबर को प्रातः काल में भी किया जा सकता है।
अगर संभव हो सके तो ग्रहण के सूतक से पहले प्रातः 4:30 तक भोजन कर लें और प्रातः 4:40 से सायं 4:30 तक सूतक काल में (बालक, वृद्ध और रोगी को छोड़कर) पेय पदार्थ या विशेष परिस्थिति में फलाहार लिया जा सकता हैं। किंतु सायं 4:30 से 5:30 तक अन्न जल सबका परित्याग कर दें। सूतक से पूर्व ही घर के प्रमुख अंगों, पूजा घर, किचेन आदि में कुश और तुलसी पत्र डाल देना चाहिए।
सूर्यग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण से पहले पेट पर कुछ ताजा गोबर का आंशिक लेप लगा देना सबसे अच्छा होता है या फिर किसी पतले कपड़े में कुश की ग्रंथि, तुलसी पत्र और कण मात्र गोबर को बांध कर पेट पर बांध लेना चाहिए! और अपने बराबर कांडा लेकर उसमे धागा बांध का किसी कोने में खड़ा कर देना चाहिए। अथवा अपने बराबर काला, लाल और सफेद धागा एक में मिला कर पैर से शिर तक नाप कर उसके दोनों शिरा पे कांटी बांध कर एक शिरे को दिवाल में ठोक दें, या कहीं पे फंसा के दिवाल कर के सहारे सीधा लटका दें।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के अवधि में चाकू, कैंची, सूई, कील या कोई भी धारदार या नुकीली वस्तुओं का स्पर्श नही करना चाहिए। किसी प्रकार की कढ़ाई और सिलाई के काम नहीं करने चाहिए। ऐसा करना भी बच्चे और मां दोनों की सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। सबको या विशेषकर गर्भवती स्त्रियों को सूर्य ग्रहण के समय समय सारे कार्य रोक कर सिर्फ हरि स्मरण, विविध स्तोत्रों का पाठ, सिद्ध मंत्र या गुरु मंत्र का जप, भजन कीर्तन एवं रामायण का पाठ सबके लिए आवश्यक एवं लाभकारी होगा।
भगवान भास्कर अपनी सभी शुभ दृष्टियों के साथ सबका जीवन सुखद, शुभद् एवं अरोग्यमय करें।
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